Bhojpuri Film Industry का इतिहास (History of Bhojpuri Cinema ):- Bhojpuri Film Industry एक Regional (क्षेत्रीय) Film Industry है। जोकि ज्यादातर बिहार और Uttar Pradesh में देखि जाती है। लेकिन Bhojpuri भासा को बोलने और समझने वाले लोग किसी भी Regional भासा जैसे – पंजाबी , तमिल , तेलगु , मराठी etc. से ज्यादा है। तब भी Bhojpuri फिल्मे Bihar और UP में छोड़ दे तो और कही के लोग नहीं देखते।
हालांकि जब भोजपुरी फिल्मे बनना सुरु हुई थी तो लोग Bhojpuri फिल्मे को काफी जगहों के लोग देखते थे। लेकिन अब Bihar , Up के ज्यातर लोग भी Bhojpuri फिल्मे नहीं देखते। तो आज इस Article में हम Bhojpuri Film Industry का इतिहास के बारे में बताएँगे की आखिर कैसे Bhojpuri Film Industry की सुरुवात हुई Bhojpuri की पहली फिल्म कौन सी है , Bhojpuri की पहली फिल्म कब और कैसे बानी।
आखिर क्यों जिस Bhojpuri फिल्मे को पुरे भारत में देखा जाता था जिसमे हिंदी फिल्म के बड़े बड़े अभिनेता जैसे Amitabh bachchan , Mithun Chakrborty , Dharmendra , Jackie Shroff जैसे अभिनेता ने काम किया था लेकिन अब इन फिल्मो को Bihar up में भी नहीं देखी जाती।
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Table of Contents
History of Bhojpuri Cinema
Bhojpuri की पहली फिल्म कब और कैसे बानी।
भोजपुरी की पहली फिल्म 1963 में Release हुई थी जिसका नाम था ” गंगा मैया तोहके पियरी चढ़इबो “ लेकिन इस फिल्म के बनने के पीछे लोगो का महत्वपूर्ण योगदान है।
जिनमे से सबसे बड़ा योगदान भारत के राष्ट्रयपति Dr. Rajendra Prasad का था। Dr. Rajendra Prasad 1960 में Delhi में आयोजित एक Hindi फिल्म सामारोह में पहुंचे थे वही Dr. Rajendra Prasad ने भाषण देते हुए भोजपुरी भाषा में भी फिल्म बनाने की अपनी इच्छा जताई Dr. Rajendra Prasad ने कहा की वह चाहते है की Bhojpuri में भी कोई फिल्म बनाने पर विचार किया जाए जोकि उनकी मातृ भाषा है , भारत के राष्ट्रीपत Dr. Rajendra Prasad Bihar के थे।
Dr. Rajendra Prasad के भाषण के बाद वह Hindi Film के अभिनेता Nazir Hussain जोकि Film Writer or Director भी थे। और वह Uttar Pradesh के गाजीपुर जिले के निवासी भी थे उन्होंने Dr. Rajendra Prasad से यह कह कर सांत्वना दी थी और भोजपुरी भाषा में ही कहा था की “डॉक्टर साहब समझ ली की आजे से Bhojpuri फिल्म बनावे के दिशा में काम सुरु हो गईल , रउआ सुभकामना करी। “
इसके बाद भी 1960 में ही Dr. Rajendra Prasad Nazir Hussain से मुलाक़ात करते है और उनसे Bhojpuri में कोई Film बनाने के विषय पर बात करते है। जिसके बाद Nazir Hussain Bhojpuri भाषा और यहाँ के संस्कृति को ध्यान में रखते हुए एक Film लिखी जिसका नाम था , ” गंगा मैया तोहके पियरी चढ़इबो “ इस फिल्म की Story पूरी लिखने के बाद Nazir Hussain फिल्म निर्माता Bimal Roy के पास गए (जिनके लिए वह कुछ फिल्मो की कहानी पहले भी लिख चुके थे) ,
Bimal Roy को इस फिल्म की Story पसंद भी आयी लेकिन उन्होंने Nazir Hussain से इस फिल्म को हिंदी में बनाने को कहा। लेकिन Nazir Hussain अब Bhojpuri फिल्म बनाने को बिलकुल मन बना चुके थे इसीलिए Nazir Hussain ने इस फिल्म को Hindi में बनाने से साफ़ मन कर दिया , Nazir Hussain ने भोजपुरी में ही कहा ” ई फिल्म चाहे जहियो बानी लेकिन बानी त भोजपुरिये में। ”
Nazir Hussain ने इस फिल्म की Story तो लिख ली थी लेकिन इस फिल्म को बनाने के लिए मुंबई में कोई निर्माता नहीं मिल रहा था। कोई भी भोजपुरी फिल्म में पैस लगाने को तैयार नहीं था लेकिन Nazir Hussain की इस फिल्म को बनाने के लिए निर्माता (Producer) की तलास जारी थी।
तभी एक Theatre hall मालिक Viswanath prasad Shahabadi इस फिल्म में पैसा लगाने के लिए तैयार हुए। तब मुंबई के दादर स्थित प्रीतम होटल से पूरी फिल्म को बनाने की प्रकिर्या तैयार किया गया Nazir Hussain ने फिल्म को Direct करने की जिम्मेदारी Kundan shah को बनाया जोकि खुद Banaras से थे। इस फिल्म को बनाने के लिए एक लाख पचास हज़ार (RS -150000) का Budget रखा गया लेकिन फिल्म को बनाते बनते 5 लाख रुबैया लग गया।
Bhojpuri की पहली फिल्म हुई Blockbuster .
जब 1963 में भोजपुरी की पहली फिल्म गंगा मैया तोहके पियरी चढ़इबो Release हुई तो लोगो को इस फिल्म की कहानी बहुत पसंद आयी , इस फिल्म की कहानी शिक्षा , दहेज़ और बिधवाविवाह पर आधारित थी। फिल्म 5 lakh में बानी थी और Film ने 80 lakh से ज्यादा की कमाई की। और यह फिल्म एक बहुत बड़ी Blockbuster फिल्म साबित हुई।
फिल्म को Release से पहले Special Screening में Sadaqat Ashram पटना में राष्ट्रीपत Dr. Rajendra Prasad को दिखाया गया था जिन्हे भी यह फिल्म पसंद आयी थी।
फिल्म के Blockbuster होने के बाद राष्ट्रीपत Dr. Rajendra Prasad ने फिल्म के कलाकारों से मिलने के लिए एक खत लिखा जिसके बाद 1st March 1963 को मिलने की तारिक तय किया गया लेकिन उस पहले ही 28th February 1963 को राष्ट्रीपत Dr. Rajendra Prasad की मृत्यु हो गयी और राष्ट्रीपत Dr. Rajendra Prasad का फिल्म के कलाकारों से मिलने का सपना पूरा नहीं हो सका।
जब फिल्मकारों को राष्ट्रीपत Dr. Rajendra Prasad के मृत्यु का पता चला तो फिल्मकारों ने राष्ट्रीपत Dr. Rajendra Prasad के सामान में श्रधंजलि देने के लिए अगले दिन फिल्म का प्रदर्सन बंद रखा।
पहली फिल्म के सफलता के बाद , Bhojpuri में बानी और फिल्मे।
1963 में पहली फिल्म ” गंगा मैया तोहके पियरी चढ़इबो “ के सफलता के बाद , भोजपुरी में 1976 तक केवल 21 फिल्मे ही बानी जिनमे बिदेसिया , गंगा और हमार संसार ही Bhojpuri की कुछ चर्चित फिल्मे है।
जिसके बाद 1977 में Bhojpuri की पहली Colored फिल्म दंगल बानी जोकि एक superhit फिल्म साबित हुई , जिसके बाद भोजपुरी में गंगा किनारे मोरा गावों रे , हमार भौजी , मई , जैसी फिल्मे बानी जोकि hit रही। अभी तक की बानी सभी फिल्मे भोजपुरी मान्यताओ को दिखाया गया था। इनमे किसी भी तरह का ख़राब Content नहीं रहता था और नाही कोई Double meaning या ख़राब गसणे रहते थे। फिर 1990 के बाद Bhojpuri फिल्मे बनना बंद हो गयी।
2003 से फिर बनना सुरु हुई Bhojpuri फिल्मे।
1988 के बाद लगभग 15 साल बाद 2003 में भोजपूरी में एक फिल्म बानी जिसका नाम था “सैया हमार” इस फिल्म से Ravi Kishan ने Bhojpuri फिल्मो में डेब्यू किया था यह Film भी हिट रही थी , इसके बाद Ravi kishan भोजपुरी में और कई साड़ी फिल्मे की जैसे पंडी जी बताई न बियाह कब होई , कब होइ गवनवा हमर , रंगबाज़ दरोगा , भूमिपुत्र जैसी फिल्मे की और यह फिल्मे हिट रही और Ravi Kishan भोजपुरी Film industry के सुपरस्टार बन गए।
इसी बिच 2003 में ही Manoj Tiwari की फिल्म “ससुरा बड़ा पैसावाला” आई थी जोकि अब तक की भोजपुरी की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म है। इसके बाद मनोज तिवारी की दरोगा बाबू , धरतीपुत्र , गंगा जैसी फिल्मे आई जोकि बेहतरीन फिल्मे है।
यह समय भोजपुरी फिल्म Industry का सबसे बेहतरीन समय था इस समय पर रिलीज़ होने वाली फिल्मे अच्छी भी होती थी अगर एकाद Item Song को हटा दिया जाए और कुछ फिल्मो को छोड़ दिया जाए तो बाकी फिल्मे में कोई ख़राब Scene नहीं होता था Ravi Kishan और Manoj Tiwari भोजपुरी सिनेमा के Superstar बना चुके थे।
यह समय ऐसा था अगर कुछ फिल्मो को छोड़ दे तो बाकि इन फिल्मो को भोजपुरी समझने वाले पूरा परिवार एक साथ बैठ के देखता था। और इसी समय पर हिंदी फिल्म अभिनेताओ जैसे Amitabh bachchan , Mithun Chakrborty , Dharmendra , Jackie Shroff ने भी भोजपुरी फिल्मो में काम किया था।
लेकिन यही से भोजपुरी फिल्मो के ख़राब होने की सुरुवात हो चुकी थी। धीरे धीरे फिल्मो में ख़राब और Double Meaning गाने बढ़ने लगे पहले जो सिर्फ Item Song ही ख़राब होते थे अब एक दो गाना छोड़ कर हर गाना item Song की तरह होने लगा।
धीरे धीरे समय के साथ फिल्म में भी ऐसे ऐसे Scene और Double Meaning डायलॉग भी होने लगे जिसके कारण Family Audience ने Bhojpuri फिल्मो को देखना बंद कर दिया।
Bhojpuri फिल्मो के स्तर इतना गिरने का एक कारण Audience भी हैं क्यूंकि Bhojpuri के Double Meaning गांव को इतना ज़्यादा लोग सुन सुन कर वरल कर देते है की सिंगर्स और भी Double Meaning गाने बनाते रहते है।
भोजपुरी के अभी Popular Superstars कौन कौन है।
- Ravi kishan
- Manoj Tiwari
- Dinesh lal yadav
- khesari lal yadav
- Pawan Singh
Bhojpuri की पहली फिल्म कौन सी है।
Bhojpuri की पहली फिल्म है ” गंगा मैया तोहके पियरी चढ़इबो। “
Bhojpuri की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्म।
Bhojpuri की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्म है Manoj Tiwari की पहली फिल्म “ससुरा बड़ा पैसा वाला” जिसने 2003 में 15 cr की कमाई की थी। दूसरी फिल्म है Dinesh lal yadav (Nirahua) की “निरहुआ रिक्शावाला” जिसने 2008 में 12 cr की कमाई की थी और तीसरी फिल्म है Ravi kishan की ” पंडी जी बताई न बियाह कब होई “ जिसने 2005 में 10 cr की कमाई की थी।
भोजपुरी में सबसे ज़्यादा हिट फिल्म देने वाला Actor.
Bhojpuri में सबसे ज्यादा हिट फिल्म देने का रिकॉर्ड Ravi Kishan के नाम है।